सात्विक आहार और तामसी आहार में क्या अंतर होता है?
यदि आप चाहते हैं कि आप भी सात्विक और तामसिक आहार में सही ढंग से अंतर को समझ पाए, तो आज के आलेख को आपको अवश्य ही पढ़ना चाहिए ,जो कि आपकी सात्विक आहार और तामसिक आहार की परिभाषा को सदैव के लिए बदल देगा ,आपकी सोच बदल देगा और आपको आहार में अंतर करके इस ज्ञान का पता चल जाएगा।
क्या आहार को लेने से ही आप अपनी समझ के आधार पर स्वस्थ रह सकते है?
बीमार होने से बच सकते हैं ।
जीवन पर्यंत आपको कभी भी किसी चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जीवन पर्यंत आप औषधि का सेवन करने की आवश्यकता महसूस नहीं करेंगे ।
स्वस्थ रहेंगे, सिर्फ आहार को सात्विक बनाने से लेकिन ऐसा तभी कर पाएंगे जब आपको सात्विक आहार के बारे में सही ज्ञान हो।
आहार दो प्रकार का होता है,
सात्विक और तामसिक ।
विभिन्न आहार विज्ञानियों ने, आयुर्वेदाचार्य ने, डाइटिशियंस ,ने सात्विक आहार और तामसिक आहार की अलग-अलग परिभाषाएं दी है, परंतु मुझे ऐसा लगता है जो अभी तक की सभी परिभाषाएं दी गई हैं उनमें लोगों ने सात्विक आहार और तामसिक आहार में सही अंतर शायद नहीं किया है ।
मैं आज आपको बताना चाहता हूं कि
सात्विक आहार कौन सा होता है?
तामसिक आहार कौन सा होता है?
किस आधार पर हमें सात्विक और तामसिक आहार में अंतर करना चाहिए?
आइए जानते हैं सात्विक आहार कौन सा आहार होता है ?
किस आहार को हम सात्विक आहार कह सकते हैं? पूरा विस्तार से जानने का आज हम प्रयास करते हैं।
सात्विक आहार
सात्विक आहार के नाम से ही पता चलता है आहार जिसमें सत्व तत्व होता है सात्विक आहार कहलाया जा सकता है।
जिसके सेवन से हमारे शरीर में ऊर्जा की वृद्धि हो,
वो आहार ,जिसके सेवन से हमें शरीर में चुस्ती फुर्ती महसूस हो ।
वो आहार , जिसको पचाने के लिए हमारे शरीर को अत्यधिक ऊर्जा का व्यय ना करना पड़े।
वो आहार जिसको खाने के पश्चात हमें नींद ना आए ।
वो आहार जिसको खाकर हम किसी भी कार्य करने की अपनी क्षमता को बढ़ा पाए।
वो आहार जिसकी पाचन की पूरी प्रक्रिया हमारे शरीर में प्रभु द्वारा दी गई है।
वह आहार जिसको खाने के लिए हमे कोई प्रोसेस ना करने पड़े।
वो आहार जिस स्वरूप में प्रभु परमात्मा द्वारा दिया गया है हम खा पाए।
वह आहार जिसको देखते ही खाने की इच्छा करें ।
वह आहार जिसमें हमें नमक, मिर्च ,मसालों का प्रयोग ना करना पड़े ।
वह आहार जिसको हमें गैस पर ना चढ़ाना पड़े।
वह आहार जो सीधे हमारे मुंह में ले जाया जा सके।
वो आहार जो प्रकृति ने मनुष्य के लिए ही बनाया है।
आइये जानते हैं कि इस प्रकार के सात्विक भोजन में क्या क्या हो सकता है?
सभी प्रकार के फल जैसे आम, अमरूद ,केला, संतरा मौसमी ,चीकू अनानास, सेब, जामुन, आडू, पपीता अमरूद आदि ।
फलों के बारे में एक बात का ध्यान रखना होता है कि हमें जो भी फल खाना होता है वो ही फल लेते हैं
जो कि मौसम के अनुसार हो ,
जो कि हमारे क्षेत्र में होता हो ,
जो कि बिना दवाइयों के द्वारा पकाया गया हो,
इसके साथ साथ ही सात्विक आहार में सारी सब्जियां भी आती हैं ।जिनको हम कच्चा खा सकते हैं, इनको पकाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है जैसे
खीरा, टमाटर, ककड़ी, गाजर ,मूली ,शलजम, प्याज ,अदरक आदि।
अब बात करते हैं
तामसिक भोजन
के बार में
तामसिक भोजन में वह सब जो प्रभु ने हमारे लिए नहीं बनाए हैं अर्थात हमें उन्हें खाने से पहले कुछ ना कुछ प्रोसेस करनी पड़ती है, गैस पर चढ़ाना पड़ता है, पकाना पड़ता है,उबालना पड़ता है, नमक ,मिर्च मसाले डालने पड़ते हैं ।
यदि हमारी इच्छा हो कि हम हमको प्रभु ने जिस अवस्था में दिए हैं हम उसी अवस्था में खा पाए तो ऐसा संभव नहीं हो पाता है ।
चाहे वह सब्जी पका कर खाने का तात्पर्य हो ,चाहे दाल हो, चाहे अनाज हो, यदि प्रभु ने हमारे लिए बनाया होता तो उसके लिये हमारे पाचन तंत्र में इस प्रकार की व्यवस्था भी की होती के हम उसको बिना ही प्रोसेस के खा सकते ।
साथ ही साथ मांसाहार भी तामसिक भोजन में आता है
डेयरी उत्पाद भी तामसिक भोजन में आता है।
यह जो तामसिक भोजन की मैंने आप को परिभाषा दी है आप इसका अनुभव करके देख सकते हैं।
यदि आप तामसिक भोजन का सेवन करते हैं तो आपके शरीर को उसको पचाने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा को खर्चा करना पड़ता है।
आपके शरीर की ऊर्जा कम होने लगती है, और आपको तुरंत नींद आने लगती है ।
यदि जबकि आप जब सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं तब आपके शरीर में चुस्ती फुर्ती बढ़ जाती है उसको पचाने के लिए आपको कभी भी अधिक ऊर्जा खर्च नहीं करना पड़ता है ।
इसलिए मित्रों आज से अपनी सात्विक आहार और तामसिक आहार की परिभाषा को बदलने और मेरी यदि बात समझ में नहीं आ रही है तो इसके ऊपर अपने शरीर के साथ अनुभव करने की आवश्यकता है।
यदि आपको इसके बारे में और अधिक जानकारी की आवश्यकता है तो आप हमारे यूट्यूब के चैनल योग और निरोग की प्ले लिस्ट 4Pपद्धति का भी अवलोकन कर सकते हैं जिसका लिंक आपको यहां पर मैं नीचे दे रहा हूं।
आपको और अधिक विस्तार से जानकारी मिल जाएगी ।
इस प्रकार मित्रों यदि आप सात्विक आहार ग्रहण करना प्रारंभ कर देंगे तो आप जीवन पर्यंत निरोग रहेंगे ,कोई भी किसी भी प्रकार का रोग आपके ऊपर आक्रमण नहीं कर पाएगा।
आप स्वस्थ रहेंगे, मस्त रहेंगे। ना डॉक्टर की आवश्यकता पड़ेगी ना चिकित्सक के पास जाने की आवश्यकता पड़ेगी।
धन्यवाद
मनोज मेहरा
योग और निरोग योग भगाए सारे रोग
4P पद्धति निरोग जीवन बिना औषधि सेवन।